New Appointment

Parshwanath Vidyapeeth, Varanasi, has made a new appointment of Prof. Dr. Ramanath Pandey under the Central Sanskrit University’s Project on ‘Editing and Translation of Unpublished Manuscripts’. He has come from Baroda (Gujarat) . He is mainly a scholar of the Sanskrit and Pali language. He has also knowledge of Prakrit, Hindi, English, Gujarati, Magadhi, and Urdu . He has thirty years of research experience in the field of Indological studies. The appointments will strengthen the institution’s research capabilities and academic excellence.

पांडुलिपि विज्ञान पर १५ दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन समारोह

                                                     (३१ मार्च २०२५)

पार्श्वनाथ विद्यापीठ में सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी नई दिल्ली द्वारा वित्तपोषित पांडुलिपि विज्ञान पर १५ दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र का आयोजन आज ३१ मार्च २०२५ को प्रात: १० बजे किया गया। १७ से ३१ मार्च, २०२५ तक चलने वाली इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्राचीन पांडुलिपियों के पहचान एवं अध्ययन आदि  को बढ़ावा देना था।

समापन समारोह की अध्यक्षता प्रो.सीता राम दूबे, (पूर्व अध्यक्ष, प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातरत्त्व बिभाग) ने की। मुख्य अतिथि थे प्रो.गोपबन्धु मिश्र (पूर्व कुलपति, श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय), सारस्वत् अतिथि थे पार्श्वनाथ विद्यापीठ के उपाध्यक्ष श्री इन्द्रभूति बराड.।

कार्यक्रम का प्रारम्भ डा. रेखा द्वारा प्रस्तुत किये जैन मंगलाचरण से हुआ। वैदिक मंगलाचरण डा. बप्पा राजवंशी ने किया। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यशाला के आयोजन की आवश्यकता पर संस्थान के निदेशक डा. दीनानाथ शर्मा ने प्रकाश डाला। सहायक निदेशक एवं संयोजक डा. ओमप्रकाश सिंह नें कार्यशाला की रिर्पोट़ प्रस्तुत करते हुये प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और अन्त में कार्यशाला में पधारनेवाले सभी के प्रति आभार प्रदर्शन किया। तदूपरान्त प्रतिभागियों ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि यह कार्यशाला बहुत ही उपयोगी और सारगर्भित रहा।

विशिष्ट अतिथि श्री ऋषभ जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि यदि व्यक्ति अपने कार्य को धर्म पर आधारित करके करें तो उसमें सफलता निश्चित है। मुख्य अतिथि प्रो.गोपबन्धु मिश्र ने पाण्डुलिपि विज्ञान की आवश्यकता, उस पर कार्य करने वाले कुछ प्रमुख विदेशी विद्वानों एवं भारतीय विद्वानों का उल्लेख करते हुये उसकी उपयोगिता बताते हुए कहा कि हम पाण्डुलिपि से सहयोग, त्याग, समपर्ण आदि के गुण सीख सकते हैं।

 सारस्वत अतिथि श्री इन्द्रभूति बराड. ने कहा कि इस संस्था का निर्माण ज्ञान विज्ञान के विकास के लिए ही किया गया है। हम आगे भी ऐसे आयोजन करते रहेगें । अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो.सीता राम दूबे, ने पाण्डुलिपियों के रख-रखाव और भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए लोंगो को आगे आने को कहा।

अन्त में सहायक निदेशक एवं संयोजक डा. ओमप्रकाश सिंह नें आभार ज्ञापन किया। इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों से पधारे अनेक विद्वान तथा देश के कोने कोने से पधारे प्रतिभागीगण उपस्थित थे।

INTERNAL MEETING AT PRSHWANATH VIDYAPEETH

On 1st April 2025, an internal meeting with all staff members was organised at Parshwanath Vidyapeeth. Shri Indrabooti Barar, Vice President chaired the meeting. The staff members present in the meeting were Dr. S. P. Pandey, Dr. Dinanth Sharma, Dr. O. P. Singh, Shri Rajesh Chaubey, Dr. Rekha, Dr. Bappa Rajvanshi, Dr. Prasant Mandal, Aastha Jha, and Ishwardatt Maurya. The meeting started with Navakar Mantra.The meeting aimed to discuss key initiatives, address important issues, running academic projects, and foster collaboration among team members.

Key highlights of the meeting included:

1.Discussion on strategic plans for institutional growth

2.Review of ongoing projects and initiatives

3. Innovative ideas to be implemented in the research

The meeting provided a valuable platform for exchange of ideas and strengthening teamwork.

Senior scholars were honored under the foundation day celebrations of Indira Gandhi National Center for the Arts, Varanasi

Today, March 19, 2025, Wednesday, at noon, as part of the founding day ceremony of the Indira Gandhi National Art Center, Varanasi, a special lecture was organized in memory of Acharya Mahamahopadhyaya Pandit Sudhakar Dwivedi, an expert in Jyotish Shastra. On this occasion, senior scholars were felicitated.

Acharya Kameshwar Upadhyay, General Secretary of the All-India Vidwat Parishad, Varanasi, was the chief speaker, and Professor Jaishankar Lal Tripathi, President of the All-India Vidwat Parishad, Varanasi, presided over the function.

Hearty congratulations to all the revered teachers and the Indira Gandhi National Art Center, Varanasi! 🌺🌺🌺

पांडुलिपि विज्ञान पर १५ दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन समारोह

                                     (१७-३१ मार्च २०२५)

पार्श्वनाथ विद्यापीठ में सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी नई दिल्ली द्वारा वित्तपोषित पांडुलिपि विज्ञान पर १५ दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का आयोजन आज १७ मार्च २०२५ को प्रात: १० बजे किया गया। १७ से ३१ मार्च, २०२५ तक चलने वाली इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य प्राचीन पांडुलिपियों के पहचान एवं अध्ययन आदि  को बढ़ावा देना है।

उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्या धर्म संकाय के पूर्व संकाय प्रमुख प्रो. के.के. शर्मा ने की। मुख्य अतिथि थे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के पूर्व सलाहकार प्रो. विजय शंकर शुक्ल ।सास्वत् अतिथि थे पार्श्वनाथ विद्यापीठ के अध्यक्ष श्री डी.आर. भंसाली।

सारस्वत अतिथि श्री धनपतराज भंसाली ने पाण्डुलिपि विज्ञान से सम्बन्धित कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत करते हुये जैन पाण्डुलिपियों के विषय में बात की। मुख्य अतिथि प्रो. विजय शंकर शुक्ल ने पाण्डुलिपि विज्ञान की आवश्यकता, उसपर कार्य करने वाले कुछ प्रमुख विदेशी विद्वानों एवं भारतीय विद्वानों का उल्लेख करते हुये उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुये प्रो. कृष्णकान्त शर्मा ने पाण्डुलिपियों में पाठभेद का जिक्र करते हुये कुछ उदाहरणों के माध्यम से पाण्डुलिपियों में पाठ-संशोधन के महत्त्व को रेखांकित किया।

सहायक निदेशक एवं संयोजक डा. ओमप्रकाश सिंह नें कार्यशाला के आयोजन के विषय में प्रमुख सूचनायें प्रतिभागियों से शेयर किया और अन्त में उद्घाटन सत्र में पधारनेवाले सभी के प्रति आभार प्रदर्शन किया।

इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों से पधारे अनेक विद्वान तथा देश के कोने कोने से पधारे प्रतिभागीगण उपस्थित थे।