GUIDELINE

 श्रमण में प्रकाशित लेखों की तीन सूची पुस्तकाकार में `श्रमण अतीत के झरोखे में’ के नाम से (वर्ष क्रमानुसार, लेखकानुसार तथा विषयानुसार) अब तक प्रकाशित हो चुकी है- प्रथम सूची ई. सन्. १९४९ से ई. सन् १९९७ तक दूसरी  जनवरी-मार्च १९९८ से अक्टूबर-दिसम्बर २०१० तक तथा तीसरी जनवरी-मार्च २०११ से अक्टूबर-दिसम्बर २०२१ तक।

श्रमण के लिए आलेख भेजने वाले विद्वानों एवं शोधार्थियों से अनुरोध है `श्रमण’ चूंकि जैन विद्या की एक शोध-पत्रिका है इसलिये प्रकाशन हेतु भेजे गए आलेख जैन-धर्म-दर्शन एवं तुलनात्मक दर्शन से सम्बन्धित ही होना चाहिए। तुलनात्मक दर्शन से सम्बन्धित  आलेख जैन धर्म-दर्शन को केन्द्र में रख कर लिखे जाने चाहिये। लेख हमेंशा टाइप करके ही भेजें। हाथ से लिखे आलेखों पर विचार नहीं किया जायेगा। हिन्दी आलेख APS-DV- Priyanka, Mangal or Krutidev (font size-12)  में ही भेजें। अंग्रेजी के लिए  Times New Roman (font size-12) का प्रयोग करें। आलेख मूल शोध-सन्दर्भों से युक्त हो तथा शोध-सन्दर्भ-सूची आलेख के अन्त में दी गयी हो।

आलेख के अन्त में पत्राचार हेतु अपना स्पष्ट पता अवश्य अंकित करें। सुझाव का पालन न करने वाले आलेखों पर विचार नहीं किया जाएगा।