Lala Harjas Rai Jain Lecture
24 दिसंबर, 2024 को लाला हरजस राय जैन व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत ‘वाल्मीकि रामायण में चरित्र चित्रण’ विषय पर व्याख्यान महामहोपाध्याय प्रोफेसर विजय पंड्या द्वारा दिया गया। इसी अवसर पर प्रोफेसर डी.एन. शर्मा द्वारा लिखित ‘सर्वांगिण प्राकृत व्याकरण एवं अभ्यास’ पर एक नई पुस्तक का विमोचन मंच पर उपस्थित प्रमुख अतिथियों द्वारा किया गया।
24th December,2024 under Lala Harjas Rai Jain Lecture series a lecture on ‘Valmiki Ramayan men Charitrachitran’ was delivered by Mahamahopadhyaya Prof. Vijay Pandya. At the same occasion a new book on ‘Sarvangin Prakrit Vyakaran Evam Abhyas‘ authored by Prof. D. N. Sharma was released by the prominent guests present on the dais.






”Welcome, Sunbeam English School,Bhagwanpur Students!
We’re excited to share our museum & manuscripts with you today at Parshwanath Vidyapeeth,. Explore, learn and enjoy!
Continue reading “”Welcome, Sunbeam English School,Bhagwanpur Students!”डॉ. श्रीप्रकाश पाण्डेय पार्श्वनाथ विद्यापीठ के सदस्य कार्यकारिणी,प्रबन्ध-समिति नियुक्त

पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी के पूर्व निदेशक डॉ.श्रीप्रकाश पाण्डेय को सदस्य कार्यकारिणी, प्रबन्ध-समिति नियुक्त किया गया है। अवधेय है कि डॉ. पाण्डेय १९९४- २०२४ लगभग ३० वर्षों तक पार्श्वनाथ विद्यापीठ में विभिन्न पदों यथा प्रशासनिक अधिकारी, सह-निदेशक, संयुक्त निदेशक तथा निदेशक के पद पर आसीन रहे हैं। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की प्रबन्ध-समिति ने आपकी लम्बी और उत्कृष्ट सेवाओं के लिये आपको सदस्य कार्यकारिणी, प्रबन्ध-समिति, पार्श्वनाथ विद्यापीठ नियुक्त कर आपका आकादमिक सहयोग लेना जारी रखने का फैसला लिया है। आप पार्श्वनाथ विद्यापीठ की श्रमण शोध पत्रिका के लम्बे समय तक सम्पादक रहे हैं तथा विद्यापीठ की एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण परियोजना जैन विश्वकोश के जैन दर्शन खण्ड के सम्पादक भी हैं। यह खण्ड शीघ्र प्रकाश्य है।
प्रो. दीनानाथ शर्मा पार्श्वनाथ के नये निदेशक नियुक्त

१० नवम्बर २०२४ पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी के सातवें निदेशक के रूप में प्रो. दीनानाथ शर्मा (पूर्व अध्यक्ष पालि प्राकृत विभाग, गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद) को नियुक्त किया गया है। प्रो. शर्मा प्राकृत, पालि, अपभ्रंश, गुजराती, अंग्रेजी, हिन्दी, संस्कृत आदि भाषाओं के ज्ञाता है। आपका ३० वर्षों से अधिक का अध्यापन का अनुभव है। वर्तमान में आप राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् में अध्यक्ष भी हैं। प्रो. दीनानाथ शर्मा की नियुक्ति से संस्थान में नई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के माध्यम से जैन विद्या के नए आयामों को उद्घाटित करने में सहायता मिलेगी।
अवधेय है कि प्रो. शर्मा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली द्वारा पार्श्वनाथ विद्यापीठ को विशेष अनुदान के रूप में स्वीकृत Promotion of Sanskrit/Pali/Prakrit languages through Manuscript Editing & Publication and developing online learning material under Indian Knowledge System for the year 2023-24 नामक परियोजना के सम्पादक भी हैं।