यह पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी की शोध पत्रिकाओं का द्वितीय संस्करण है।
श्री पार्श्वनाथ विद्याश्रम, बनारस का मुखपत्र
संपादक – इंद्रचंद्र शास्त्री
दल सुख मालवणिया
पृथ्वीराज जैन
मोहन लाल मेहता
प्रकाशक –
कृष्णचंद्राचार्य
अधिष्ठाता, श्री पार्श्वनाथ विद्यापीठ (विद्याश्रम)
हिन्दू युनिवर्सिटी, बनारस, यूपी, 221005.
This is a Second edition of Research Journals of Parshwanath Vidyapeeth , Varanasi.
Mouthpiece of Shri Parshwanath Vidyashram, Banaras
Editor – Indrachandra Shastri
Dal Sukh Malvaniya
Prithviraj Jain
Mohan Lal Mehta
Publisher –
Krishnachandracharya
Dean, Shri Parshvanath Vidyapeeth (Vidyaashram)
Hindu University, Banaras, UP, 221005.
इस अंक में –
- नारी (कविता)- इंद्र
- अपनी बात (संपादकीय)
- नारी के अतीत की झांकी: सती प्रथा – श्री गुलाब चंद्र चौधरी
- भाग्य निर्माण (कहानी)- इंद्र
- निकल पड़ (गद्य काव्य)- रवींद्र
- सौन्दर्य का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण – श्री मोहनलाल मेहता
- तलाक़ – श्री पृथ्वीराज जैन
- विजय- कुमारी सत्यवती जैन
- संपादक के नाम –
In this issue –
- Woman (poetry)- Indra
- Your point (Editorial)
- A glimpse of women’s past: Sati Pratha – Shri Gulab Chandra Choudhary
- Fate Making (Story)- Indra
- Nikal Pad (Prose Poetry)- Ravindra
- Psychological analysis of beauty – Shri Mohanlal Mehta
- Divorce – Mr. Prithviraj Jain
- Victory- Kumari Satyavati Jain
- Editor’s name –